खर-पतवार से पटी गंदगी से बजबजा रहीं गांव की नालियां.. आखिर जिम्मेदार कौन..?


खेजुरी, बलिया। एक तरफ केंद्र सरकार स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत
गांवों में साफ-सफाई को लेकर तरह-तरह की दावा कर रही है वही दूसरी तरफ नालियों के जाम होने से ग्रामीण क्षेत्रों का बुरा हाल है।गांव में नियुक्त सफाई कर्मी भी गांव में कम ही दिखाई देते हैं ।अधिकतर सफाई कर्मी तो अधिकारियों व प्रधानों की सेवा कर अपनी ड्यूटी बस कागजों में पूरी कर रहे हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही दिख रही है। दरअसल कई वर्षों पहले प्रदेश सरकार ने गांव को स्वच्छ रखने के लिए सफाई कर्मियों की नियुक्ति की थी। इससे सरकार की मंशा साफ थी कि सफाई कर्मी गांव में रहकर गांव को स्वच्छ बनाये रखने में ग्रामीणों का सहयोग करेंगे लेकिन नियुक्ति के कुछ दिन तक तो सफाई कर्मियों ने गांव में ठीक-ठाक से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया। उसके बाद सफाईकर्मी धीरे-धीरे गांव से नदारद होने लगे जिसके चलते गांव को स्वच्छ रखने का सरकार की मंशा बेपटरी हो गई । वहीं दूसरी तरफ गांव में जगह-जगह कूड़े का अंबार भी दिख रहा और नालियों में खर-पतवार उग जाने से नालियां जाम होने की वजह गंदगी से बजबजा रही हैं। यही नहीं मजबूरन ग्राम वासियों को खुद नालियों की सफाई करनी पड़ती है। क्योंकि नालियों में जहरीले कीटाणुओं के उत्पन्न हो जाने संक्रामक बीमारियों का भय बना रहता है।
सफाई कर्मचारी गांव में कब-आते जाते हैं गांव के प्रधान और विकास खंड के अधिकारियों को ही पता रहता है। हरिपुर, चवरी, सरदही, खड़सरा, अखैनी, रूपवार, सकलपुरा, बिसहर, खेजुरी इत्यादि गांव की बजबजाती नालियां जो संक्रामक कीटाणुओं को जन्म देने में लगी हैं जो खुद सफाई कर्मीयों के ड्यूटी की संजीदगी को दर्शाती हैं जो अपने कर्तव्य के प्रति कितने ईमानदार हैं । 
इस संदर्भ में जब एडीओ पंचायत प्रदीप शर्मा से बात की गई तो उनके द्वारा कहा गया कि इस संबंध में कोई शिकायत हमारे संज्ञान में नहीं है अगर इस तरह की शिकायत मिलती है तो इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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