बेल्थरा रोड बलिया। बरनवाल सेवा समिति बेल्थरा रोड के तत्वावधान में शुक्रवार को औधेय गण के प्रवर्तक वरन नगर ( बुलंदशहर ) के संस्थापक, बरनवाल समाज के आदि पुरुष महाराजा अहिबरन की जयंती स्थानीय बरनवाल धर्मशाला में बड़े ही धूमधाम से मनाई गई।
कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत महाराजा अहिबरन जी के पूजन-अर्चन और माल्यार्पण के साथ हुई।
मुख्य अतिथि मऊ जनपद के ग्राम परसिया निवासी अनिरुद्ध बरनवाल ने सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के आह्वान के साथ अपने आदि पुरुष के आदर्शों का अनुसरण करने का संदेश दिया उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित बरनवाल समाज के बच्चों के साथ मंच साझा करते हुए कई मनोरंजक कार्यक्रम प्रस्तुत कर भरपूर मनोरंजन किया।
जयंती समारोह के विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेशीय बरनवाल वैश्य सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष जयप्रकाश बरनवाल ने समाज की इतिहास की चर्चा करते हुए बताया
विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेशीय बरनवाल वैश्य सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष जयप्रकाश बरनवाल ने बरनवाल समाज के इतिहास पर चर्चा करते हुए कहा कि इतिहास की मानें तो महाराजा अहिवरन शहर बरन (बुलन्द शहर) के संस्थापक और बरनवाल समाज के आदि पुरुष थे। जिनका जन्म 26 दिसम्बर को हुआ था, इसी लिए उनकी यादगार में हम प्रत्येक वर्ष जयंती मनाते हैं।
उन्होंने बरनवाल समाज की संरचना की चर्चा करते हुए कहा कि आधुनिक इतिहास के 14वीं शताब्दी में मुहम्मद तुगलक के आतंक से जब जबरन धर्म परिवर्तन को लेकर प्रताड़ना शुरू हुई तो अधिकांश बरनवाल जाति के लोगों को अपना घर छोड़ कर गांवों को आसरा बनाया और धीरे-धीरे विभिन्न रोजगारों के साथ फैलते गये। उस समय यातायात और संचार के अन्य के साधन आज की तरह नहीं थे। इसके कारण उनके आपस में सम्बन्ध टूटते गये।
विशिष्ट अतिथि ने कहा कि इतिहास के अनुसार महाराजा अहिबरन बुलन्द शहर के राजा थे। जिनका प्राचीन नाम बरन था। वह एक सूर्यवंशी राजपूत थे। रिकार्ड के अनुसार इसका इतिहास करीब 1200 वर्ष पुराना है। इसकी स्थापना अहिवरन नाम के राजपूत ने की थी। बुलन्द शहर में उन्होंने बरन टावर की नींव रखी थी। राजा अहिबरन ने बुलन्द शहर में एक सुरक्षित किले का निर्माण भी कराया था। जिसे ऊपर कोट कहा जाता रहा है। इस किले के चारों ओर सुरक्षा के लिए नहर का भी बनाई गई थी। जिसे ऊपर कोट के पास से ही काली नदी के जल से भरा जाता था। राजा अहिबरन ने इस सुरक्षित कोट में अपनी आराध्या कुल देवी मां काली के भव्य मंदिर की स्थापना की थी।
अंत में उन्होंने महाराजा अहिबरन की जयंती की सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर बरनवाल समाज के बच्चों ने अपने सांस्कृतिक प्रदर्शन से सबका मन मोह लिया।
अंत में बरनवाल सेवा समिति के अध्यक्ष पुरुषोत्तम बरनवाल ने आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया जबकि कार्यक्रम का संचालन संजीव बरनवाल ने किया।
इस अवसर पर राजेंद्र बरनवाल, ओमप्रकाश बरनवाल, योगेश्वर बरनवाल, घनश्याम उर्फ सोनू बरनवाल, रामविलास बरनवाल, राकेश बरनवाल, जयप्रकाश वैद्य, नागेश्वर बरनवाल, रामेश्वर बरनवाल, कृष्णा बरनवाल सहित सैकड़ों महिला-पुरुष तथा बच्चे मौजूद रहे।